लेप्रोशी मिशन ट्रस्ट छत्तीसगढ़ द्वारा चैम्पियन कार्यशाला का सफल आयोजन
मुगेली – दी लेप्रोसी मिशन ट्रस्ट इडिया हील प्रोजेक्ट छत्तीसगढ के द्वारा लेप्रोसी मिशन के 150वी वर्षगाठ के उपलक्ष्य में कुष्ठ चैम्पियनों का दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन लेप्रोसी अस्पताल बैतलपूर मे किया गया। इस अवसर पर मुंगेली, जाजंगीर-चांपा, तथा सक्ति जिले के 35 कुष्ठ चैम्पियन ने बताया, की वे कुष्ठ बिमारी से लड़कर पूर्ण रूप से स्वस्थ्य हो गए हैं। और अब वे लोग अपने अपने गॉव में प्रचार प्रसार करते है,ताकि किसी भी ब्यक्ति को कुष्ठ रोग का लक्षण दिखते ही नजदीक के सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र या लेप्रोसी अस्पताल में जाकर ईलाज कराकर रोग मुक्त हो सके। कार्यक्रम में लेप्रोसी अस्पताल बैतलपूर के अधीक्षक डॉ. मनतोष एलकाना ने कार्यक्रम में उपस्थ्ति बाल सांसद के बच्चों, स्वयं सहायता समुह की महिलाओं तथा चैम्पियनो को बताऐ ,कि लेप्रोसी मिशन की स्थापना 1874 में वेसली वेली के द्वारा अम्बाला शहर मे हुआ। तब से लेकर आज तक निरन्तर कुष्ठ रोगियों का ईलाज मुप्त में करते आ रहे है। वर्तमान में भारत में 16 अस्पताल, 6 वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर, 4 कुष्ठ व अन्य आश्रम, 1 रिर्सच सेंटर सेंटर है। इसी क्रम में कुष्ठ रोग के लक्षण तथा उपचार लेने में लपरवाही या देरी करने से होने वाली शारीरिक समस्या की जानकारी दिगाई, एवं कुष्ठ रोग होने से पहले एवं कुष्ठ रोग होने के बाद शरीर में होने वाले बदलाव को दिखाये। हील प्रोजेक्ट के कार्यक्रम अधिकारी किस्मत नन्दा नें लेप््राोसी चैम्पियन में क्या क्या लक्षण एवं गुण होना चाहिए विस्तार से जानकारी दी। सी. डी.ओ मनोज नाग ने कार्यक्रम में आये लोगो का यातायात, रहने, खाने की पूर्ण जिम्मेदारी निभाई। प्रोजेक्ट के पी.आई.एफ अनिल धीवर ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को कुष्ठ रोगियों से घृणा ना करने उनको उचित सलाह देते हुए उनका सम्मान करने की शपथ दिलाई एवं कार्यकंम में उपस्थ्ति लोग का अभार ब्यक्त किया। कार्यक्रम को सफल बनानें में हील प्रोजेक्ट के वालेटियर लक्ष्मण लहरे, पायल दिवाकर मुंगेली, अमी लाल घृतलहरे सक्ती, छोटे लाल साहू, सीता राम मेहरा, रामगोपाल सोनी जांजगीर चांपा,स्वंय सहायता समुह के सदस्यों बाल सासंद के बच्चों तथा अस्पताल प्रबंघन का भरपूर सहयोग रहा